UP Board Solutions For Class 8 Hindi Chapter 19 जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी (मंजरी)

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Class 8 Hindi

Chapter 19

पाठ-जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी (मंजरी)

महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

अरे तू लौट ………………………………………….. किताब थी।

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक ‘धर्मवीर भारती हैं।

प्रसंग – लेखक देवदास फिल्म देखने गया। शो छूटने में देर थी। इस बीच लेखक ने ‘देवदास’ नामक पुस्तक किताब काउन्टर पर देखकर उसे दस आने में खरीद लिया और फिल्म न देखकर घर लौट आया।

व्याख्यो – लेखक द्वारा फिल्म ने देखकर घर वापस लौटने पर माँ ने पूछा कि उसने फिल्म क्यों नहीं देखी। लेखक ने सारी बात बताई और फिल्म देखने के स्थान पर खरीदी हुई ‘देवदास’ किताब दिखाई। माँ पुत्र की भावना समझ गई और उसकी आँखों में आँसू आ गए। ये आँसू सुख के थे या दुख के, लेखक को मालूम नहीं था। दोनों ही कारण हो  सकते थे-पुत्र की अच्छी आदत के कारण फिल्म न देखना सुख का कारण और आर्थिक संकट के कारण उसका फिल्म न देख सकना- दुख का कारण।

पाठ का सार (सरंस)

लेखक के पिता आर्य समाज, रानीमण्डी के प्रधान थे। माँ ने स्त्रियों की शिक्षा के लिए एक आदर्श कन्या पाठशाला स्थापित की थी। लेखक को बचपन में पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ने का शौक था। उनकी प्रिय पुस्तक स्वामी दयानन्द की जीवनी की किताब थी। जिसमें स्वामी जी ने समाज की रूढ़ियों का खण्डन किया था। उन्होंने अन्त में अपने हत्यारे को क्षमा करके उसे सहारा दिया था। ये बातें लेखक के बालमन को रोमांचित करती थीं। माँ स्कूली पढ़ाई पर जोर देती थी। पाँचवें दर्जे में लेखक कक्षा में प्रथम आया। माँ की आँखों में खुशी के आँसू आ गए। अँग्रेजी में सबसे अधिक नम्बर आने पर दो किताबें इनाम में मिलीं।

इन किताबों ने लेखक के लिए नई दुनिया का द्वार खोल दिया- पक्षियों से भरी आकाश और रहस्यों से भरा समुद्रा लेखक ने अपने मुहल्ले की लाइब्रेरी हरिभवन में जाना शुरू कर दिया। वह लाइब्रेरी खुलते ही वहाँ पहुँचता और बन्द होने पर अनिच्छा से उठता। इण्टर पास करने पर पाठ्यपुस्तक बेचकर बी०ए० की किताबें खरीदी और दो रुपये बच गए। उन दो रुपयों को लेकर माँ की सहमति से ‘देवदास’ फिल्म देखने गया। बुक काउन्टर पर एक पुस्तक देखी- ‘देवदास’ लेखक शरत् चन्द्र चट्टोपाध्याय,  दाम केवल एक रुपया। लेखक ने दस आने में वह पुस्तक खरीद ली। माँ के पूछने पर बताया कि फिल्म नहीं देखी। उसने खरीदी हुई पुस्तक दिखाई। माँ की आँखों में आँसू आ गए। यह पुस्तक लेखक द्वारा अपने पैसों से खरीदी गई और उसकी निजी लाइब्रेरी की पहली पुस्तक थी।

अभ्यास

कुछ करने को
प्रश्न 1.
आर्य समाज संस्था ने भारतीय समाज में फैली रूढ़ियों एवं आडम्बरों को दूर करने का प्रयास किया। वह भारत का नव जागरण काल था। आर्य समाज के अतिरिक्त ब्रह्म समाज, प्रार्थनासमाज, थियोसॉफिकल सोसाइटी जैसी अनेक संस्थाओं ने भी समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया था। इन संस्थाओं के संस्थापकों के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर :
ब्रह्म समाज-ब्रह्म समाज के संस्थापक .राजाराम मोहन राय थे। राजाराम मोहन राय अपने समय के विशिष्ट समाज सुधारक थे। उन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता था। उनका जन्म बंगाल में 22 मई 1772 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने बाल-विवाह, सती–प्रथा, जातिवाद, कर्मकांड, परदा-प्रथा आदि का भरपूर विरोध किया। राजाराम मोहन राय ने ब्रह्म मैनिकल मैग्जीन, संवाद, कौमुदी, मिरात-उल-अखबार, बंगदूत जैसे स्तरीय पत्रों का संपादन-प्रकाशन भी किया। 27 सितंबर 1833 को इनका देहांत हो गया था।

प्रार्थना समाज – प्रार्थना समाज के संस्थापक आत्माराम पांडुरंगा तथा केशवचंद्र सेन थे। आत्माराम का जन्म 1823 ई. में हुआ था। वे एक चिकित्सक तथा समाज सुधारक थे। वे मुंबई प्राकृतिक  इतिहास सोसाइटी के संस्थापकों में से एक थे। उनकी मृत्यु 1898 में हुई थी। केशवचंद्र सेन का जन्म 19 नवंबर 1838 को कोलकाता में हुआ था। वे बंगाल के हिंदू दार्शनिक, धार्मिक उपदेशक एवं समाज सुधारक थे। उनकी मृत्यु 8 जनवरी 1884 में हुई।

थियोसॉफिकल सोसाइटी – थियोसॉफिकल सोसाइटी की संस्थापिका डॉ० एनी बेसैण्ट थीं। उनको जन्म 1 अक्टूबर 1847 में लंदन में हुआ था लेकिन आगे चलकर वे भारत की नागरिक बन गई थीं। श्रीमति एनी बेसैण्टे अग्रणी आध्यात्मिक महिला अधिकारों की समर्थक, लेखिका, वक्ता एवं भारत प्रेमी महिला थीं। सन 1947 में वे राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष भी बनी। सितंबर 1916 में उन्होंने होमरूल लीग (स्वराज्य संघ) की स्थापना की थी। 20 सितंबर 1953 को उनकी मृत्यु हो गई थी।

प्रश्न 2.
वर्तमान समय में प्रकाशित होने वाली किन्हीं चार बाल पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
उत्तर :
चंपक, नंदन, सुमन सौरभ, बालभास्कर।

प्रश्न 3.
नोट – 
विद्यार्थी स्वयं करें।

विचार और कल्पना- नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

संस्मरण से

प्रश्न 1.
बचपन में लेखक के घर कौन-कौन सी पत्रिकाएँ आती थीं?
उत्तर :
‘आर्यमित्र’, ‘साप्ताहिक’, ‘वेदोदय’, ‘सरस्वती’ और ‘गृहिणी’ पत्रिकाएँ आती थीं।

प्रश्न 2.
बचपन में लेखक को स्वामी दयानन्द जी की जीवनी क्यों पसन्द थी?
उत्तर :
बचपन में लेखक को स्वामी दयानन्द की जीवनी इसलिए पसन्द थी क्योंकि उसमें स्वामी जी ने समाज की रूढ़ियों का खण्डन किया था और अन्त में अपने हत्यारे को भी क्षमा कर उसे सहारा दिया था।

प्रश्न 3.
लेखक को अँग्रेजी में सबसे अधिक अंक पाने के बाद उपहार में कौन-सी दो पुस्तकें मिली थीं और उनसे लेखक को क्या जानकारी प्राप्त हुई?
उत्तर :
एक किताब पक्षियों की जानकारी से सम्बन्धित और दूसरी किताब में पानी के जहाजों की कथाएँ थीं। इनसे लेखक को पक्षियों से भरे आकाश और रहस्यों से भरे समुद्र की जानकारी मिली।

प्रश्न 4.
पुस्तकों को पढ़ना एक अच्छी आदत है। बच्चों का मन कहानियों में खूब लगता है। दूसरी भाषाओं के उपन्यास और कहानियों के हिन्दी अनुवाद भी उपलब्ध हैं। नीचे लिखी पुस्तकों के लेखकों के नाम बताइए (नाम बताकर )
उत्तर :

प्रश्न 5.
लेखक ने ‘देवदास’ फिल्म क्यों नहीं देखी?
उत्तर :
लेखक ने फिल्म देखने के पीछे से अपनी मनपसंद पुस्तक खरीद ली। इस कारण लेखक ने फिल्म नहीं देखी।।

प्रश्न 6.
क्या आपने कोई फिल्म देखी है? कौन-सी? उस फिल्म में आपको क्या अच्छा लगा, क्या नहीं?
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
‘वेदोदय’, तथा ‘दुर्गेश’ शब्द क्रमशः वेद+उदय तथा दुर्ग+ईश की सन्धि से बने हैं। इसमें अ + उ = ओ तथा अ + ई = ए हो गया है। इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों को सन्धि-विग्रह करें
उत्तर :
वीरोचित = वीर + उचित
देवोचित = देव + उचित
रमेश = रमा + ईश
सुरेश = सुर + ईश

प्रश्न 2.
इस पाठ में लाइब्रेरी, ईस्ट इण्डिया, थियेटर, पिक्चर आदि अंग्रेजी के शब्द आए हैं। इनके लिए प्रयुक्त होने वाले हिन्दी शब्दों को लिखिए।
उत्तर :


प्रश्न 3.
नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं, इनमें साधारण, संयुक्त तथा मिश्र-तीनों प्रकार के वाक्य हैं उन्हें पहचान कर वाक्यों के सामने नाम लिखिए।
उत्तर :
(क) मेरे पिता आर्य समाज, रानी मण्डी के प्रधान थे और माँ ने स्त्री शिक्षा के लिए आदर्श कन्या पाठशाला की स्थापना की थी। संयुक्त वाक्य
(ख) माँ स्कूली पढ़ाई पर जोर देती थीं।  साधारण वाक्य
(ग) जल्दी-जल्दी घर लौट आया और दो रुपये में से एक रुपया छह आना माँ के हाथ में रख दिये संयुक्त वाक्य
(घ) उनका आशीर्वाद था या मेरा जी-तोड़ परिश्रम कि तीसरे-चौथे में मेरे अच्छे नम्बर आए और पाँचवें दर्जे में तो मैं फस्र्ट आया मिश्रित वाक्य
(ङ) उस साल इण्टरमीडिएट पास किया था। साधारण वाक्य

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्य को ध्यान से पढ़िए और बताइए कि इसमें कर्ता, क्रिया, कर्म में से किसका लोप है
उत्तर :
पिता जी ने (कर्ता) लोकनाथ की दुकान से ताजा अनार का शर्बत मिट्टी के कुल्हड़ में मुझे (कर्म अप्रत्यक्ष ) पिलाया और सर पर हाथ रखकर बोले- तुम
(कर्ता) वायदा करो कि पाठ्यक्रम ” की किताबें भी इतने ही ध्यान से पढोगे, तुम (कर्ता) माँ की चिन्ता मिटाओगे।

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आपके उज्जवल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं!!

 

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