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Class 8 Hindi
Chapter 20
पाठ-20 झाँसी की रानी (मंजरी)
महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या
सूर्य की किरणों …………………………………………. गरम हो जाएगा।
संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘झाँसी की रानी’ नामक पाठ से लिया गया है। यह प्रसिद्ध उपन्यासकार वृन्दावनलाल वर्मा के नाटक ‘झाँसी की रानी’ का हिस्सा है।
प्रसंग – उपन्यासकार ने अँग्रेजों से युद्ध की बेला पर रानी लक्ष्मीबाई के रूप-सौन्दर्य, उसकी सज्जा और घोड़े के विषय में वर्णन किया है|
व्याख्या – अँग्रेजों से रानी का युद्ध होने जा रहा था। रात्रि के बाद सूर्य का उदय हुआ। रानी का सुन्दर मुख सूर्य की किरणों से और ज्यादा चमकने लगा। उसके नेत्रों में चमत्कार भरी दो गुनी चमक थी। रानी ने लाल पोशाक पहनी थी और गले में मोती-हीरों का कण्ठा शोभायमान था। इसके साथ रानी ने म्यान से तलवार निकाली हुई थी जिसकी चमक निराली थी। रानी ने घोड़े को एड़ लगाई। थोड़ी झिझक के बाद घोड़ा तेज दौड़ने लगी। रानी को उसकी क्षमता पर सन्देह हुआ (परन्तु कोई दूसरा विकल्प नहीं था)।
पाठ का सर (सारांश)
अँग्रेजों का बिगुल रानी के कान में सुनाई दिया। तोपों का धड़ाका हुआ। सूर्य निकल चुका था। रानी ने रामचन्द्र देशमुख को आदेश दिया- दामोदर को मेरी पीठ पर बाँधो। इसको सुरक्षित दक्षिण पहुँचा देना। ध्यान रखना अँग्रेज सैनिक मेरी देह को न छू पाएँ। रानी ने जूही को तोपखाने पर जाने के लिए कहा। फिर घोड़े को एड़ लगाई। रानी पूरब की ओर झपटी। रानी के रण कौशल के मारे अँग्रेज जनरल थर्रा गए। रानी के पीछे पैदल सैनिक थे। रानी धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण की ओर अपनी सेना से मिलने के लिए मुड़ी। दाँतों में लगाम थामकर रानी ने दोनों हाथों से तलवार चलाकर अपना मार्ग बनाया।
दक्षिण-पश्चिम की ओर सोनरेखा नाला था। मुन्दर रानी के साथ थी। रघुनाथ सिंह, रामचन्द्र देशमुख और बीस-पच्चीस लाल कुर्ती सवार रानी को घेरे थे। अँग्रेज घेरे को कम करते जा रहे थे। उसी समय तात्या ने रूहेली और अवधी सैनिकों की मदद से अँग्रेजों के व्यूह पर प्रहार कर दिया। अँग्रेज रानी को छोड़कर तात्या की ओर मुड़ गए। सूर्यास्त होने में कुछ देर थी। रानी के साथ केवल चार सरदार और उनकी तलवारें रह गईं। रामचन्द्र देशमुख, दामोदरराव की रक्षा की चिन्ता में बचाव करके हेड रहा था। रानी ने देशमुख की सहायता के लिए मुन्दर की ओर इशारा किया और स्वयं एक संगीनबर । को मारकर आगे बढ़ी।
आठ-दस गोरे सवार रानी के पीछे थे। रानी ने कहा “मेरे शरीर को अँग्रेज न छूने पाएँ।” गुलमुहम्मद ने समझ लिया। वह और भी जोर से लड़ा। “बाई साहब, मैं मेरी” शब्दों के साथ एक अँग्रेज की पिस्तौल से मुन्दर का अन्त हो गया। रघुनाथ सिंह मुन्दर के शव को पीठ पर कसकर घोड़े पर सवार होकर आगे बढ़ा। रानी तेजी के साथ सोनरेखा नाले पर आ गई। घोड़ा अड़ गया। नाला पार न हो सकी। अँग्रेज सवार आ पहुँचे। एक गोरे की गोली रानी की बाईं जाँघ में पड़ी। रानी ने आगे बढ़ने के लिए एक पैर से एड़ लगाई। घोड़ी अड़ा रहा और दोनों पैरों से खड़ा हो गया। रानी को पीछे खिसकना पड़ा। अँग्रेज सवार ने गुल मुहम्मद के आ पहुँचने से पहले ही रानी पर वार कर दिया, जिससे उसके सिर का हिस्सा कट गया। गुलमुहम्मद बाकी के दो-तीन सवारों पर टूट पड़ा जो मैदान छोड़कर भाग गए। रामचन्द्र देशमुख ने घोड़े से गिरती रानी को सँभाला। दामोदरराव अपनी माता को घायल अवस्था में देखकर रोने लगा। वे रानी के देह को अँग्रेजों से बचाने के लिए तेज रफ्तार से बाबा गंगादास की कुटी में पहुँच गए।
अभ्यास
कुछ करने को
प्रश्न 1.
इस पाठ में.कुछ वीरांगनाओं के नाम आये हैं। पुस्तकों से और अपने बड़े-बुजुर्गों से कुछ और वीरांगनाओं के बारे में जानकारी एकत्र करके कक्षा में या बालसभा में चर्चा कीजिए।
उत्तर :
आप इन वीरांगनाओं के विषय में कुछ और जानकरी एकत्र कर कक्षा में चर्चा पर बाल सभा कर सकते हैं|
कित्तूर की रानी चेनम्मा (जन्म 1778, मृत्यु 1929) – रानी लक्ष्मीबाई से भी पहले कित्तूर की रानी चेनम्मा ने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया था। रानी चेनम्मा कर्नाटक के कित्तूर की रानी थी, जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ बिगुल बजाया।
कनकलता बरुआ (जन्म 1924, मृत्यु 1942) – कनकलता बरुआ असम की रहने वाली थी। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। भारत छोडो आंदोलन के समय उन्होंने कोर्ट परिसर और पुलिस स्टेशन के भवन पर भारत का तिरंगा फहराया, जिसकी वजह से वो अंग्रेजों के लिए बड़ा खतरा बनकर सामने आई। कनकलता बरुआ ने महज 17 साल की उम्र में जो शहादत दी, उसको देश हमेशा ऋणी रहेगा।
बीरांगना झलकारी देवी (जन्म-अज्ञात, मृत्यु 1857) – झलकारी झाँसी राज्य के एक बहादुर कृषक सदोवा सिंह की पुत्री थी। उनका जन्म 22 नवंबर, 1830 ई. को झाँसी के समीप भोजला नामक गाँव में हुआ था। उसकी माता का नाम जमुना देवी था। जिसका अधिकांश समय प्रायः जंगल में ही काम करने में व्यतीत होता था। जंगलों में रहने के कारण ही झलकारी के पिता ने उसे घुड़सवारी एवं अस्त्र-शस्त्र संचालन की शिक्षा दिलवाई थी। कालांतर में उनकी शादी महारानी लक्ष्मीबाई के तोपची पूरन सिंह के साथ हो गई। रानी लक्ष्मीबाई के वेश में युद्ध करते हुए झलकारी बाई ने शहादत दे दी। उन्होंने तोपों से भी अंग्रेजों को सामना किया और तोप के गोले से ही उड़ा दी गईं।
बेगम हजरत महल (जन्म 1820, मृत्यु 1879) – अवध की बेगम हजरत महल ने 1857 के पहले स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए थे। भारत सरकार ने बेगम हजरत महल के सम्मान में सन 1984 में डाक टिकट भी जारी किया।
इसके अलावा – लक्ष्मी सहगल (जन्म 24 अक्टूबर 1914, मृत्यु 23 जुलाई, 2012), सरोजिनी नायडू (जन्म 1879, मृत्यु 1949), सुचेता कृपलानी (जन्म 1908, मृत्यु 1974) आदि स्वतंत्रता सेनानी महिलाओं के विषय में भी चर्चा कर सकते है।
प्रश्न 2.
झाँसी की रानी से सम्बन्धित कविताएँ व लेख पढ़िए।
नोट – सुभद्राकुमारी चौहान, रचित कविता ‘झाँसी की रानी’ पढ़ सकते हैं।
प्रश्न 3.
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना
प्रश्न 1.
पाठ में किस समय की घटना का वर्णन किया गया है। इससे देश की दशा के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर :
यह सन् 1857 ई० के स्वतन्त्रता संग्राम की घटना है। अँग्रेजी राज्य के अन्तर्गत भारतीय रजवाड़े बँटे थे, उनमें फूट थी और एकता का अभाव था। अधिकतर जमींदार अँग्रेजों के प्रति वफादार थे। किसान व आम जनता दयनीय स्थिति में थी।
प्रश्न 2.
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 3.
युद्ध के अन्तिम क्षणों में जब नया घोड़ा सोनरेखा नाले पर अड़ गया, उस समय रानी लक्ष्मीबाई के मन में क्या विचार आए होंगे?
उत्तर :
रानी के मन में देश पर बलिदान हो जाने की बेला पर विचार आया होगा कि वह स्वराज्य की नींव बनने जा रही थी।
प्रश्न 4.
रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों द्वारा अपने अधिकार-क्षेत्र में अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण युद्ध किया। यदि आपके दैनिक कार्यों और विद्यालयीय क्रियाकलापों में कोई अनावश्यक हस्तक्षेप करे तो आपको कैसा लगेगा और आप उसके लिए क्या करेंगे?
उत्तर :
अनावश्यक हस्तक्षेप अच्छा नहीं लगेगा और मैं अनावश्यक हस्तक्षेप का विरोध करूंगा।
पाठ से
प्रश्न 1.
मुन्दरबाई उदास क्यों थी?
उत्तर :
मुन्दरबाई को उस दिन युद्ध में मारे जाने का आभास हो गया था इसलिए वह उदास थी।
प्रश्न 2.
रानी ने रामचन्द्र देशमुख को क्या आदेश दिया?
उत्तर :
रानी ने रामचन्द्र देशमुख को दामोदरराव को सुरक्षित दक्षिण पहुँचाने का आदेश दिया।
प्रश्न 3.
‘यह अस्तबल को प्यार करने वाला जानवर है।’ रानी ने घोड़े के लिए यह वाक्य क्यों कहा?
उत्तर :
रानी ने घोड़े को एड़ लगाई तो वह झिझका। इससे रानी को उसकी क्षमता पर सन्देह हुआ। अतः रानी ने घोड़े के लिए यह वाक्य कहा।
प्रश्न 4.
जूही ने अंग्रेज सेना का मुकाबला कैसे किया?
उत्तर :
जूही ने अँग्रेज पर तोपों से गोले बरसाए और अन्त में तलवार से लड़ाई करती हुई शहीद हो गई।
प्रश्न 5.
अँग्रेज जनरल ने रानी से युद्ध के लिए क्या योजना बनाई थी?
उत्तर :
अँग्रेज जनरल ने पैदल पल्टनें पूर्व और दक्षिण की बीहड़ में छिपा ली और हुजर सवारों से कई दिशाओं में आक्रमण की योजना बनाई।
प्रश्न 6.
अन्तिम समय में रानी की पराजये क्यों हुई?
उत्तर :
रानी का घोड़ा अड़ा रहा और रानी नाला पार नहीं कर पाई।
प्रश्न 7.
नीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों को कोष्ठक में दिए गए उपयुक्त शब्दों की सहायता से पूरी कीजिए
उत्तर :
(क) मेरी देह को अँग्रेज सैनिक छूने न पाएँ।
(ख) लालकुर्ती सैनिक रानी की रक्षा कर रहे थे।
(ग) दामोदर राव रानी का दत्तक पुत्र था।
(घ) अँग्रेजों से युद्ध में तात्या और राजपूत रानी का साथ दे रहे थे।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थक लिखिए
उत्तर :
अन्तिम- प्रथम, सुरक्षित- असुरक्षित, सूर्यास्त- सूर्योदय, विलम्ब- शीघ्र
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों का अर्थ लिखकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए (वाक्य प्रयोग करके)
उत्तर :
भासमान =प्रकाशित-रानी के गले में हीरों को हार भासमान था।
कुमुक = सेना के सहायतार्थ भेजी गई सेना-रानी ने जूही की सहायता के लिए कुमुक भेजी।
अवशिष्ट = बचा हुआ-अवशिष्ट सवार भाग गए। नगण्य = जो गणना में न आए-अँग्रेज नगण्य संख्या में थे।
प्रोत्साहन = उत्साह वृद्धि-जनरल सैनिकों के प्रोत्साहन हेतु तत्पर थे।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्यों में बदलिए –
उत्तर:
(क) रघुनाथ ने फुर्ती से घोड़े से उतरकर अपना साफा फाड़ा।।
(ख) घोड़े पर इनको होशियारी से रखकर बाबा गंगादास की कुटी पर चलो।
(ग) मुझे सन्देह था कि ग्वालियरी कुछ गड़बड़ी करेंगे।
(घ) रानी ने कहा कि मेरे मरने के बाद दामोदर को सुरक्षित दक्षिण पहुँचा देना।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में क्रम से इत, आई, मान और ई प्रत्यय लगे हैं सुरक्षित, पेशवाई, भासमान, कमजोरी। इन प्रत्ययों से युक्त अन्य शब्द इस पाठ से चुनिए।
उत्तर :
चिन्तित, चतुराई, प्रकाशमान, अवधी।
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