UP Board Solutions For Class 8 Hindi Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व)

Sharing Is Caring:

प्यारे बच्चों आज हम आपको UP Board Solutions For Class 8 Hindi Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व) का Solutions देने जा रहे है। बच्चों यह UP Board Class 8 Hindi Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व) Solutions आपके बहुत काम आयेगा चाहे आप अपना होमवर्क कर रहे हों या तो आप अपने आने वाले परीक्षा की तयारी कर रहें है।

Dear Students In This Page We Will Share With You UP Board Solutions For Class 8 Hindi Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व) Solutions. Students This UP Board Class 8 Hindi Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व) Solutions It Will Be Very Useful For You Whether You Are Doing Your Homework Or You Are Preparing For Your Upcoming Exam. UP Board Solutions For Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व) PDF DownloadUP Board Solutions For Class 8 Hindi.

बच्चो इस पेज पे आपको UP Board Hindi Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व) के सभी प्रश्नों के उत्तर को बहुत ही अच्छे और विस्तार पूर्वक बताया गया है। जिससे आप सभी को स्टूडेंट्स को बहुत ही आसानी से समझ में आ जाये। बच्चों सभी पर्श्नो के उत्तर Latest UP Board Class 8 Hindi Syllabus के आधार पर बताया गया है। बच्चों यह सोलूशन्स को हिंदी मेडिअम के स्टूडेंट्स को ध्यान में रख कर बनाये गए है |

Class 8 Hindi

Chapter 3

पाठ- 3 भरत (महान व्यक्तित्व)

 

पाठ का सारांश

राजा दशरथ के चार पुत्र थे- राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। इनमें भरत कैकई के पुत्र थे। राजा दशरथ कैकई से बहुत प्रेम करते थे तथा उसकी प्रत्येक बात मानते थे। कैकई के कहने से ही राजा दशरथ ने राम को वनवास दिया था। जिस समय रामचन्द्र जी को वनवासे हुआ, उस समय भरत अपने मामा के यहाँ थे। लौटने पर जब उन्हें सब बातों का पता चला तो वे बहुत दुःखी हुए। उन्होंने सोचा कि अब लोग यही कहेंगे कि भरत ने राजगद्दी के मोह में राम को वनवास दिलाया है।

राम के वन चले जाने के दु:ख में राजा दशरथ की मृत्यु हो चुकी थी। भरत ने अपने पिता के सब धार्मिक कार्यों को पूर्ण किया। प्रजा, ऋषियों, मुनियों और विद्वानों ने भरत से राज्य करने का आग्रह किया। उन्होंने भरत से कहा- “राजा दशरथ ने मरते समय यही आज्ञा दी थी कि आप अयोध्या के राजा बनें। किन्तु भरत राजा बनना बिलकुल भी नहीं चाहते थे। उनका मन कहता था कि इस सिंहासन पर मेरा कोई अधिकार नहीं है। यह तो श्रीराम का ही है, वे ही इस पर बैठेंगे।

अन्त में भरत जी रामचन्द्र जी से मिलने वन की ओर चल दिए। उनके साथ अनेक ऋषि, विद्वान और प्रजा के लोग भी थे। अनेक वनों में घूमते, लोगो से पूछते, भरत जी श्रीराम के पास चित्रकूट आ पहुँचे। दोनों भाई बड़े प्रेम से मिले। भरत ने श्रीराम से अयोध्या लौट चलने का आग्रह किया। अन्य लोगों ने भी रामचन्द्र जी को बहुत समझाया  किन्तु उन्होंने कहा कि पिता की आज्ञा का मुझे पालन करना है। कई दिनों तक विवाद होता रहा। भरत और श्रीराम दोनों में से कोई भी अयोध्या का राजा बनने को तैयार न था।

अन्त में जब श्रीराम न माने तो भरत ने यह आज्ञा माँगी कि मैं आपके नाम पर राज्य करूंगा। सिंहासन पर आपकी खड़ाऊँ बैठेगी, राज्य आपका ही होगा। रामचन्द्र जी को अपनी खड़ाऊँ देनी पड़ी, भरत अयोध्या लौट आए। उन्होंने राज्य सिंहासन पर श्रीराम की खड़ाऊँ रखी और स्वयं तपस्वी के समान रहने लगे। राम के पीछे 14 वर्ष तक उन्होंने प्रजा की सेवा की। वास्तव में भरत हमारे ऐसे पूर्वज थे जिनके चरित्र में एक भी दोष नहीं है।

शिक्षा – भरत जी जैसा भ्रातृ प्रेम, त्याग और कर्तव्यनिष्ठा सभी में होनी चाहिए।

अभ्यास

प्रश्न 1.
भरत कौन थे? पिता की मृत्यु के समय वे कहाँ थे?
उत्तर :
भरत राजा दशरथ के पुत्र थे। पिता की मृत्यु के समय वे ननिहाल में थे।

प्रश्न 2.
भरत ने अयोध्या के राज्य को क्यों ठुकरा दिया?
उत्तर :
इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि नैतिक दृष्टि से रामचन्द्र जी राजद्दी के हकदार थे।

प्रश्न 3.
भरत ने राज्य को किस शर्त पर स्वीकार किया?
उत्तर :
भरत ने राज्य को इस शर्त पर स्वीकार किया कि प्रतिनिधि के रूप में आप के नाम पर राज्य करूंगा तथा सिंहासन पर आपकी खडाऊँ बैठेगी। राज्य आपका ही रहेगा।

प्रश्न 4.
भरत की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए?
उत्तर :
भरत के चारित्रिक विशेषताओं में उनका मातृ-प्रेम, कर्तव्य-निष्ठा, प्रजा-प्रेम तथा त्याग मुख्य हैं। भरत ने जिस प्रकार वन में जाकर राम से विनती की, सारा दोष अपने ऊपर ले लिया, जिस ढंग से क्षमा याचना की वह ऐसा उदाहरण है जिसकी तुलना का दूसरा उदाहरण संसार के इतिहास में ‘ कहीं नहीं मिलता।

 

बच्चो हम उम्मीद हमारे इस पेज पर दी गई UP Board Solutions For Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व) Solutions आपकी स्टडी में कुछ उपयोगी साबित हुए होंगे। बच्चों अगर आप में से किसी का भी पेज पर दिए गये UP Board Solutions For Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व) से रिलेटेड कोई भी किसी भी प्रकार का डॉउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूंछ सकते है।

बच्चे यदि आपको इस UP Board Solutions For Class 8 Hindi Chapter 3 भरत (महान व्यक्तित्व)  Solutions से आपको हेल्प मिली हो तो आप इन्हे अपने Classmates & Friends के साथ शेयर करिये ताकि आपके दोस्त भी अच्छे से पढ़ पाए।

आपके उज्जवल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं!!

Rate this post

Leave a Comment