UP Board Solutions For Class 8 Hindi Chapter 32 चंद्रशेखर आजाद (महान व्यक्तित्व)

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Class 8 Hindi

Chapter 32

पाठ-32 चंद्रशेखर आजाद (महान व्यक्तित्व)

 

पाठ का सारांश

अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को अलीराजपुर जिले (मध्य प्रदेश) के भावरा गाँव में हुआ था। इनके पिता पं० सीताराम तिवारी मूलरूप से उन्नाव जिले (उ० प्र०) के बदरका गाँव के रहने वाले थे। इनकी माता का नाम जगरानी देवी था। प्राथमिक शिक्षा गाँव में पाने के बाद 14 वर्ष की उम्र में आगे की पढ़ाई के लिए चंद्रशेखर काशी चले गए। चंद्रशेखर अब बनारस में संस्कृत शिक्षा पर रहे थे उसी समय वैशाखी के दिन 13 अप्रैल, सन् 1919 को रॉवल एक्त के विरोध  में अमृतसर के जॉलियाँवाला बाग एक सभा हो रही थी। इस सभा में बच्चे, बूढे तथा युवक सभी शामिल थे। सभा के दौरान जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। रॉयल एक्ट द्वारा क्रांतिकारियों के दमन हेतु कठोर कानून बनाया गया था।

जालियाँवाला बाग वाली घटना की जानकारी चंद्रशेखर को समाचार-पत्रों से हुई। अंग्रेजी शासन के इस अल्लर के विरूद्ध किशोर चंद्रशेखर का खून खौल उठा। इन्होंने अंग्रेजों द्वारा अपने देशवासियों पर किए जा रहे अत्याचारों का बदला लेने की मन में ठान ली। सन् 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन के कारण पूरे देश में अंग्रेजी शासन का विरोध शुरू हो गया था। लोग विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर उन्हें जला रहे थे। इस स्वदेशी आंदोलन के प्रभाव से चंद्रशेखर भी अछूते न रहे और आँदोलन में शामिल हो गए। जहाँ जुलूस व हड़तालें होतीं, चंद्रशेखर वहाँ तत्तकाल पहुँच जाते। उस समय चंद्रशेखर की उम्र 16 वर्ष थी।

उसी समय बनारस के एक जूलूस का नेतृत्व करते समय चंद्रशेखर को अंग्रेज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अगले दिन चंद्रशेखन को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। वहाँ मजिस्ट्रेट ने पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है? उन्होंने जवाब दिया- आजाद! फिर मजिस्ट्रेट ने पूछा तुम्हारे पिता का नाम क्या है? जबाब था स्वतंत्रता! उसने चंद्र शेखर  को 15 बेंतों की कठोर सजा सुनाई। इन्होंने हँसते-हँसते व भारत माता की जय बोलते हुए पंद्रह बेंतों की कठोर सज़ा झेली। इस घटना के बाद चंद्रशेखर आजाद क्रांतिकारी बन गए। इनके विचारों एवं नीडरता की ख्याति चारों तरफ फैल गई। कावेरी रेलवे स्टेशन के पास 9 अगस्त 1925 को सरकारी खजाने का लूटने की की घटना में आजाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इनके अधि। कांश साथी पकड़े गए।

कुछ को फाँसी हुई, लेकिन आजाद, आजाद रहे। साइमन कमीशन के विरोध में सन् 1928 में हुए पर्दशन में पुलिस की मार से लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। इनकी मृत्यु का बदला लेने के लिए आजाद, भगत सिंह, तथा राजगुरु ने पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या कर दी। उन्हें अंग्रेज पुलिस कभी पकड़ न सकी। 27 फरवरी, सन् 1931 को आजाद अल्फ्रेड पार्क, इलाहबाद में अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मंत्रणा कर रहे थे तभी किसी गद्दार ने उनके वहाँ होने की सूचना अंग्रेजी शासन को  दे दी। पूरा पार्क पुलिस द्वारा घेर लिया गया। चारों तरफ से गोलियाँ चल रही थीं। आजाद भी जवाब में गोली दाग रहे थे। उन्होंने अपने साथियों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया तथा अकेले मोर्चे पर डठे रहे। जब आजाद के पास एक ही गोली बची तो उन्होंने स्वयं ही अपनी कनपटी पर मार ली। घेरों पुलिस उनके खौफ से उनके पास नही आई। आजाद ने पहले ही प्रतिज्ञा की थी कि कभी भी वे जीवित शासन के हाथ नहीं आएँगे। उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की।

अभ्यास

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
प्रश्न 1.
चंद्रशेखर आजाद का जन्म स्थान भारत के किस राज्य में स्थित है?
उत्तर :
चंद्रशेखर आजाद का जन्म स्थान मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।

प्रश्न 2.
जलियाँवाला बाग कहाँ स्थित है?
उत्तर :
जलियाँवाला बाग भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर में स्थित है।

प्रश्न 3.
जलियाँवाला बाग कांड में किसने गोली चलाने का आदेश दिया था?
उत्तर :
जालियाँवाला बाग कांड में जनरल डायर ने गोली चलाने का आदेश दिया था।

प्रश्न 4.
आजाद ने किस क्रांतिकारी संस्था का गठन किया?
उत्तर :
आजाद ने हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन’ नामक क्रांतिकारी संस्था का गठन किया था।

प्रश्न 5.
चंद्रशेखर आजाद ने क्या प्रतिज्ञा की थी?
उत्तर :
चंद्रशेखर आजाद ने प्रतिज्ञा की थी कि वे कभी जीते जी अंग्रेजी शासन के हाथ नहीं आएँगे।

प्रश्न 6.
मिलान कीजिए
उत्तर :

 

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आपके उज्जवल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं!!

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