UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 2 मातृदेवो भव

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Class 8 Sanskrit

Chapter 2

मातृदेवो भव

 

शब्दार्था:-ज्वरेण = बुखार से, वैद्यम् = वैद्य को, उक्त्वा = कहकर, तत्र प्राप्तः = वहाँ पहुँचा, क्रीडितुम = खेलने के लिए, क्रीडाक्षेत्रात् = खेल के मैदान से, अनयत् = लाया, उपनिषदुपदिशति = उपनिषद सीख देती है, अन्यद् अपि उक्तम् = और भी कहा गया है, चत्वारि = चार, सत्वरम् = शीघ्र, प्रमुदिता = प्रसन्न।।

मुकुलः एकः ……………………………………. अगच्छ त्।
हिन्दी अनुवाद-मुकुल एक छात्र है। उसका एक मित्र है। उसका नाम सतीश है। एक दिन सतीश की माँ बुखार से पीड़ित हो गईं। वह बोली, “अरे सतीश! जाओ वैद्य को बुला लाओ।” सतीश ने कहा, “यह मेरे खेलने का समय है। मेरे मित्र आते हैं। मैं खेलने जाता हूँ।” ऐसा कहकर वह बाहर चला गया।

तस्मिन् एव ……………………………….. अगच्छत्।
हिन्दी अनुवाद-उसी समय सतीश का मित्र मुकुल वहाँ आया। उसने सतीश की माँ को बुखार से पीड़ित देखा। उसने उससे पूछा, “सतीश कहाँ गया?” वह बोली, “मित्रों के साथ खेलने गया।” मुकुल दुखी हुआ। वह बाहर गया।

सः सतीशं ………………………………… प्रमुदिताऽभवत्।
हिन्दी अनुवाद-वह सतीश को खेल के मैदान से घर लाया और बोला, “हे मित्र! तुम्हारी माता बुखार से पीड़ित है। तुम्हें उनकी सेवा करनी चाहिए।” क्या तुम नहीं जानते कि उपनिषद में भी यह उपदेश दिया गया है- ‘माता देवतुल्य होती है। और यह भी कहा गया है

‘अभिवादनशील और नित्य बड़ों की सेवा करने वालों की आयु, विद्या, यश और बल- ये चार बढ़ते हैं।’

“अब जल्दी जाओ और शीघ्र ही चिकित्सक को लाओ।” ऐसा सुनकर सतीश वैद्य को ले आया। उसकी माता प्रसन्न हुई।

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
उत्तर
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) सतीशस्य जननी केन पीडिता आसीत्?
उत्तर
ज्वरेण

(ख) मुकुलः कस्य मित्रम् अस्ति?
उत्तर
सतीश्स्य

(ग) कः दु:खितोऽभवत्?
उत्तर
मुकुल:

(घ) कः वैद्यम् आनयत्?
उत्तर
सतीश:

प्रश्न 3.
कः/का; उक्तवान्/ उक्तवती इति लिखत (लिखकर)
(क) भोः सतीश! गच्छ वैद्यम् आनये।
उत्तर
माता

(ख) अहं क्रीडनार्थं गच्छामि।
उत्तर
सतीश

(ग) मित्रैः सह क्रीडितुं गतः।।
उत्तर
माता

(घ) हे मित्र! एषा तव जननी ज्वरपीडिता अस्ति।
उत्तर
मुकुलः

प्रश्न 4.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) मुकुलः सतीशस्य मातरम् किम् अपृच्छत्?
उत्तर
कुत्र सतीशः गत:।।

(ख) सतीशः किम् उक्त्वा बहिः अगच्छत्?
उत्तर
‘अयं मे क्रीडनस्य कालः। मम मित्राणि आगच्छन्ति। अहं क्रीडनार्थं गच्छामि।’ इति उक्त्वा सः बहिः आगच्छत्।।

(ग) उपनिषद् किम् उपदिशति?
उत्तर
‘मातृदेवो भव’।।

(घ) सः सतीशं कुतः आनयत्?
उत्तर
सः सतीशं क्रीडाक्षेत्रात् गृहम् आनयत।

प्रश्न 5.
प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत
(क) सतीशस्य जननी कदा प्रमुदिता अभवत्।
उत्तर
सतीशः वैद्यम् आनयत् तर्हि तस्य जननी प्रमुदिता अभव्त।

(ख) आयुर्विद्या यशोबलं कस्य वर्धन्ते?
उत्तर
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते, आयुर्विद्या यशो बलम्।।

(ग) किं श्रुत्वा सतीशः वैद्यम् आनयत्?
उत्तर
मित्रस्य उपदेशं श्रुत्वा सतीश: वैद्यम् आनयत।

(घ) सतीशः कुत्र अगच्छत्?
उत्तर
सतीशः क्रीडनार्थं बहिः अगच्छत्।

प्रश्न 6.
अधोलिखितानि-पदानि वाक्य रचनां कुरुत (करके)
उत्तर
यथा- ज्वरेण – महेशः ज्वरेण पीडितः।
मित्राणि – रमेशस्य मित्राणि कृष्णः, सुरेशः, महेशः च सन्ति।
ताम् – मुकुल: सतीशस्य जननीं ज्वरेण पीड़िताम् अपश्चत्।
क्रीडाक्षेत्रात् – मुकुल: सतीशं क्रीडाखेत्रात् गृहम् आनयत्।

  • गच्छ
  • लोट्
  • मध्यम पुरुषः
  • एकवचनम्

प्रश्न 7.
विचिन्त्य लिखतयदि भवतः सहपाठी रुग्ण: स्यात् तदा भवान् किं करिष्यति? इति लिखत।।
उत्तर
यदि मम सहपाठी रुग्णः स्यात्, तदा अहं तस्य चिकित्सां-सेवा शुश्रूषां च करिष्यामि।

• नोट – विद्यार्थी शिक्षण-सङ्केतः’ और ‘क्न्धुबान्धवानां नामानि’ स्वयं करें ।

 

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आपके उज्जवल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं!!

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